मोहन कहे माँ हमे ग्वालिन छ्कावे,
मोरी बंसी लेले नचावे मांगू तो ठेंगा दिखावे
मोहन कहे माँ हमे ग्वालिन छ्कावे,
मोर मुकट वे उतार के देखा
माथे तिगुली स्टावे
मोहन कहे माँ हमे ग्वालिन छ्कावे,
खोल पीताम्बर की कशनी हमारी,
चुनरी मोहे पहिनावे
मोहन कहे माँ हमे ग्वालिन छ्कावे,
केहत सखी सुनो कान्हा को राधा
दुल्हिन बना के नचावे
मोहन कहे माँ हमे ग्वालिन छ्कावे,