तेरी शरण में आया दीवाना,
कर लो न स्वीकार,
कन्हैया कन्हैया कन्हैया,
लेकर असुवन धार....
मैं तो हूँ एक दीन अनाथ,
तुम कहो दुनिया के विधाता,
मेरा भी प्रभु भाग्य जगा दो,
मानूँगी उपकार,
कन्हैया कन्हैया कन्हैया,
लेकर असुवन धार.....
आंसू हो आँखों का गहना,
चाहे बस चरणों में रहना,
आंसू ही तो दौलत है हमारी,
पगलिया सरकार,
कन्हैया कन्हैया कन्हैया,
लेकर असुवन धार.....
हर के साथी के कहलाते,
मोहे भगत के लाज बचते,
जनम मरण से देदो मुक्ति,
कर दो नौका पर,
कन्हैया कन्हैया कन्हैया,
लेकर असुवन धार.....