भक्ति के रंग में रंगे हनुमान नज़र आये,
चीर दिया सीना सियाराम नजर आए,
सुग्रीव के संग वन में हनुमान जी मिले थे,
मित्रता के फूल मन मे यही से ही खिले थे,
बने पक्के यार दोनों दुनिया मे अमर पाए,
चिर दिया सीना सियाराम नजर आए.....
लक्ष्मण को लगी शक्ति श्री राम जी घबराए,
और जा वेद सुषेण को लंका से उठा लाए,
वो पहाड़ उठा लाये महावीर यूँ कहलाये,
चिर दिया सीना सियाराम नजर आ......
एक दिन माता सीता श्रृंगार कर रही थी,
मांग में वो अपने सिंदूर भर रही थी,
ये देख कर के हनुमत सिंदूर में नहाए,
चिर दिया सीना सियाराम नजर......