नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है

नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है,
हाथो में लेकर खडताले,
नाच रहे हो कर मत वाले,
बोले ता ता थीना ताल से ताल मिलाई है,
नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है

उछल उछल कर हनुमत नाचे,
हनुमत नाचे हो बाला जी नाचे,
पाँव में घुंगरू छम छम बाजे,
छम छम भाजे के हनुमत नाचे,
सम्ब्ले नहीं सम्बाले राम की रटन लगाई है,
नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है

तीनो लोक में बज रहा डंका,
भज रहा डंका हो भज रहा डंका,
न कोई भेह है न कोई शंका,
ना कोई शंका है न कोई शंका,
ओ बज रहे झांज नागडे लेह से लेह सब ने मिलाई है,
नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है

लाल लंगोटा हाथ में सोटा,
हाथ में सोटा है हाथ में सोटा,
आंख में काजल मोटा मोटा,
पी कर नाम के प्याले राम की धुन ये गाई है ,
नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है

यहां कीर्तन होता श्री राम का,
कीर्तन श्री राम का कीर्तन श्री राम का,
वहाँ पे पेहरा होता हनुमान का,
लिखे गिरी ये भजन महिमा प्रेम ने गाई है,
नाच रहे बजरंगी हो कैसी मस्ती छाई है
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