भगता आवे रे दूर से चाल
खाटू में आके कईया बैठा
कितना प्यारो है तिहारो ये देश
खाटू में आके कईया बैठा
जब जब जी गबरावे म्हारो हम खाटू आ जावा
खाटू नगरी पोंछ के बाबा दिल का हाल सुनावा
थाणे अपनों सो लागे बाबो श्याम
खाटू में आके कईया बैठा
जो भी हारा किस्मत से बाबा तुमने दिया सहारा,
एक बार जो खाटू आवे आवे बारम्बारा
उसने चिंता न सितावे कदे फेर
खाटू में आके कईया बैठा
रंग बिरंगा भगत देख के मस्ती जागे न्यारी
पेट पलनिया आवे कोई पैदल आवे भारी
थारी दासी रे सुनीता गावे भाव लिखे रे बड़े चाव
खाटू में आके कईया बैठा