ना ही किनारा ना ही सहारा,
किसी की न दरकार जो संग में तू मेरे,
जो संग में है तू मेरे,
ना ही किनारा ना ही सहारा,
क्या करना है किनारे का क्या करना है सहारे का,
भव से वो तो पार हुआ जो नौकर इस प्यारे का,
नदी किनारे नैया डूभी देखि सो सो बार प्रभु क्या खेल तेरे,
ना ही किनारा ना ही सहारा....
जिसपे भरोसा करते थे काम मेरे वो आएगा,
देगा मुझे सहारा वो नैया पार लगाए गा,
उनके चलते अटक गई थी नैया मेरी मझदार प्रभु क्या खेल तेरे,
ना ही किनारा ना ही सहारा
नैया ले मझधार खड़ा याद आई मुझे तब तेरी,
मेरे हाथ को थाम लिया पल भर भी न की देरी,
श्याम कहे उस दिन से मेरा बन गया पालन हार प्रभु क्या खेल तेरे,
ना ही किनारा ना ही सहारा