नीले की असवारी करता खाटू वाला श्याम मेरा
केवल शीश की पूजा होती, खाटू में है धाम तेरा
अरेरेरे मेरे नीले वाले श्याम, अरेरेरे मेरे खाटू वाले श्याम
कोई माने या नहीं माने, यह कलयुग का अवतारी सै
भगतो पे प्यार लुटावे, यो भगतन का हितकारी सै
उसकी नैया पार लगावे, जो भी लेवे नाम तेरा
केवल शीश की पूजा होती, खाटू में है धाम तेरा
अरेरेरे मेरे नीले वाले श्याम, अरेरेरे मेरे खाटू वाले श्याम
जो भी है हार के आता, श्याम उसको गले लगाता
हारे का बने सहारे, दुनिया ने श्याम कहलाता
जीवन में वो मौज उड़ावे जिस के सर पे हाथ तेरा
केवल शीश की पूजा होती, खाटू में है धाम तेरा
अरेरेरे मेरे नीले आले श्याम, अरेरेरे मेरे खाटू वाले श्याम
बना हर नंदी का भाई तन्ने उसका बात बढ़ाया
भरा भात यो तन्ने ऐसा, नहीं आज तलाक भर पाया
श्री राम सिंह ने गुण यह दिए और नित्तदीन लेवे नाम तेरा
केवल शीश की पूजा होती, खाटू में है धाम तेरा
अरेरेरे मेरे नीले आले श्याम, अरेरेरे मेरे खाटू वाले श्याम