यह कैसी कसक तूने इस दिल में लगा दी है,
हमने तुजे रो रो के हसने की दुआ दी है,
जिसने हमें लुटा है दिल भर की दुआ दी है
यह कैसी कसक...
दीवाना हु मैं तेरे मिट जाऊगा मैं तुज पर,
इन इश्क छोलो को जी भरके हवा दी है,
यह कैसी कसक....
दुनिया की हवो से अब भुज ना पाएगी,
तेरे नाम की यह सम्हा इस दिल में जला ली है
यह कैसी कसक....
तुझे पाने की खातिर मै खुद को भूल गया,
तेरी याद में ओ मोहन दुनियां ही भुला दी है,
यह कैसी कसक.....
तेरी यादों मे अपने दिन रात गुजरते है,
तेरे दर्द के सागर पे कस्ती ही डुबो दी है,
यह कैसी कसक...
खेरात में मागी थी जो आग महोबत की ,
कुछ दिल में लगा ली है कुछ घर को लगा दे है,
यह कैसी कसक....
जिंदा हु मगर मुज में मरने की भी हिमत है,
उस कदर महोबत ने मुझे जिंदा दिली दी है,
यह कैसी कसक...............