प्रेम रस बरसाओ रस बरसाने वाली,
रस बरसाने वाली ओ श्यामा रस बरसाने वाली,
प्रेम रस बरसाओ रस बरसाने वाली,
बरसाने हम वास करेंगे रटेगे राधा राधा,
रसिक बने गे मोर कुटी के कट जाये भव की बाधा,
मिलेंगे गिरधारी रस बरसाने वाली,
अब हम पर किरपा बरसाओ श्री बृषभानु किशोरी,
प्रेम रंग बरसाओ जैसे बरसाने की होरी,
छटा प्यारी प्यारी रस बरसाने वाली,
तीन लोक को नाथ कन्हियाँ नित बरसाने आवे,
बनके मधुर मोर कुटियाँ पे राधे राधे गावे,
मधुर तेरी बलिहारी रस बरसाने वाली,