मेरी गई भैंस पानी में ते तो पड़ा विराजे से
मंदिर में बैठया बैठया के रामायण बाजे से
सारा नुस्कान भरू गा इक दिन खाटू छोड़न का
जो मांगेगा दूंगा या भेंस मेरी काडन का
इक दिन आने जाने का बता तेरा कितना लागे से
मंदिर में बैठया बैठया के रामायण बाजे से