लेहर लेहर लेहराए चुनरियाँ माता की
इधर उधर बल खाए चुनरिया माता की
लेहर लेहर लेहराए चुनरियाँ माता की
लाल चुनरिया तन पर सोहे हर लालन के मन को मोहे
जो देखे लुट जाए चुनरियाँ माता की
लेहर लेहर लेहराए चुनरियाँ माता की
भक्त जनों के भाग्य जगा दो
भगती की तुम ज्योत जला दो
सारा जहान चमकाए चुनरियाँ माता की
लेहर लेहर लेहराए चुनरियाँ माता की
उचे पहाडो पर माँ का डेरा
धन्य है माँ जिस दर्शन तेरा
सोते भाग्य जगाये चुनरियाँ माता की
चुनरियाँ माता की
लेहर लेहर लेहराए चुनरियाँ माता की