माँ का प्यार बरसता है,
सावन भहदो जैसे मैया तेरे आंगन में,
करुणा क्या होती है ममता किसे कहते है,
देखा तेरे धंदन में,
बोले बिना ही मेरे दिल की तू बाते सुन लेती,
मांगे बिना झोली मेरी खुशियों से भर देती,
इतना सच्चा मैंने दरबार नहीं देखा,
कभी अपनी जीवन में,
माँ का प्यार बरसता है,
ये स्वर्ग ये बैकुंठ न मैं जानू कहा है,
ढंडर को देख कर लगा के दोनों यहाँ है,
मुझको तो लगे मैया तीर्थ सारी दुनिया के,
एक तेरे ही चरणन में,माँ का प्यार बरसता है,
जब जब तुझे देखा मेरी ये आंखे भर आई,
तेरी मूरत में ही देखि मेरी माँ की परछाई,
मुझे तो दिखे सोनू जननी पालनहारी,
माँ तेरे ही दर्शन में,
माँ का प्यार बरसता है,