मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले
नहो तो ये दुनिया बना देगी पापी
मुझे अपनी छाया में रख ले ओ भोले
नहो तो ये दुनिया बना देगी माटी
मुझे अपनी आदत ..............
खड़ा हूँ शरण मैं ना जाने कब से
दिखा दे मुझे अपना दर और दीवारी
मुझे अपनी आदत ..............
पड़ा हूँ मैं माया के गहरे भवर में
मिटा दे तू माया ये सारी की सारी