भोले जी नाथ जी सुनो दास की आप पुकार चेला बना ले ने,
जटा की तेरी न मांगू गंगा माथे का न मांगू चाँद
नंदी भी तेरे तोरे राखिये इक घुट न प्याइये भांग
बस खोल दे तेरा द्वार चेला बना ले ने,
शाम सवेरे भोले मेरे दाने मांग के ल्याऊ गा
धुना कर दू तयार तेरे हाथ मैं राख रमाऊंगा
आड़ेगोस्सा की लादुंगालार चेला बना ले ने,
जात का सु छोरा मैं तेरी भांग की कर दू खेती
कुण्डी कुत का दे दिए मैं घोट दू सेती सेती,
तू पीके लिए डकार चेला बना ले ने,
मने सुना से दुनिया खातिर पी लिया है था जेहर तने
लंका देदी रावन ने ओ सोना वाला शहर तने,
फिर मेरे से क्यों इनकार चेला बना ले ने,
जी न लागे भोले यादे दुनिया से य माडेया की
कद आऊ मैं मने बता दे टिकेट कटा दे पहाड़ा की
इस बिंदर का करदो उधार चेला बना ले ने,