मैं जोगन बन जाऊ गी शम्बू तोहे कारन,
शम्बू तोहे कारन, बाबा तोहे कारन,
मैं ढम ढम वांगु नचदी फिरा,
मैं शम शम करदी नचदी फिरा,
मैं भांग दा घोटा लगा के शम्बू अमृत प्याला शक दी रहा,
मैं जोगन बन जाऊ गी शम्भू रे तोरे कारन,
तेरी जटा से निकली गंगा शम्भू सबके दुःख है हरता,
आये तो भंग भुला शंकर मेरा है सबसे बोला,
मैं जोगन बन जाऊ गी शम्भू रे तोरे कारन,
कहते है मुझको इस को प्रेम देवानी,
निगहा मार मैं तेरी मस्तानी,
दुनिया तो मैं की है लेना कदमा दे विच मैं हुन रहना,
मैं जोगन बन जाऊ गी शम्भू रे तोरे कारन,