मैं मांगता तुमसे मेरे बाबा,
वो चीज मुजको जरुर देना ,
मिले जामने की सारी खुशिया,
मगर ना मुजको गरूर देना,
ना देना चाहे कुबेर का धन
मगर सलीका जररू देना
उठा के सिर जी सकू इतनी इजत जरुर देना,
बड़ी ना मांगू मैं चीज तुजसे,
है जितनी औकात मांगता हु,
जो गाव दुःख ने दिए है दिल में वो सुख की मरहम से पुर देना,
ना वैर कोई ना कोई नफ़रत नजर ना अये कोई बुराई,
हर एक दिल में तू दे दिखाई मेरी नजर को नूर देना,
तुम्हारी रहमत सदा ही बरसे हज़ार सुख बोगु इस यहाँ पर
अमीर बनकर हसू किसी पर मुझे ना इतना गरूर देना ,
मिले गी रहमत तुमे श्याम की मगर शर्त है की साफ़ दिल हो
अगर अजय सिंह हो खोट दिल में तो खोट का सिर कचूर देना