जब पीठ पे श्याम बिराजे तो उछल उछल कर नाचे
ये घोडा देखो नीले रंग का ...............
जहाँ जहाँ होव मेरे श्याम का भजन
वहां वहां सांवरे का होव आगमन
जब श्याम इसे सहलाते तो करता हवा से बातें
ये घोडा देखो नीले रंग का ...............
कोई जब बाबाजी की करता पुकार
सेवा में हमेशा लीला रहता तैयार
जब एड़ी श्याम की लागे तो पल में सरपट भागे
ये घोडा देखो नीले रंग का ...............
हर्ष कन्हैया तेरा घोडा बेमिसाल
भक्तों की प्यारी लागे इसकी ये चाल
जब ढोल नगाड़ा बाजे तो ड्योढ़ी ऊपर नाचे
ये घोडा देखो नीले रंग का ...............