मेरे इस परिवार का खर्चा तुझसे ही चलता है,
तू जो संग चलता है,
मुझको आगे बढ़ता देख कर अपना ही जलता है,
तू जो संग चलता है
मेरे दिल में सँवारे तेरा सूंदर सा छोटा सा घर है,
मेरे आगे पीछे तू ही फिर मुझको किसा डर है,
तेरी किरपा से ही सँवारे दुःख सारा तलता है,
तू जो संग चलता है,
तेरी चौकठ पे आने से तकदीर बदल गई मेरी,
जब से लेहरी सिर पे मोर छड़ी तेरी,
हर बगियाँ का फूल सँवारे तुझसे ही खिलता है,
तू जो संग चलता है...
इस मतलब की दुनिया में नहीं कोई श्याम अब मेरा,
कहता अविनाशी बाबा न छूटे साथ अब तेरा,
दर पे तेरे मुझे सँवारे हर सकूँ मिलता है.
तू जो संग चलता है.....