म्हारे दुःख में आडो आवे खाटू को बाबा श्याम,
महारी हर पल लाज बचावे खाटू को बाबो श्याम ,
श्याम धनि के सागे माहरी प्रीत पुरानी,
जद भी म्हापे आवे कोई भी परिशानी,
नीले को असवारी फर्याद सुने महारी,
चिंता हरे सारी खाटू को बाबो श्याम ,
श्याम शरण में बैठाया मैं तो मौज उडावा,
श्याम तो है रखवालो फिर क्यों मैं गबरावा,
महान संभाले है संकट यु टाले है महारे सागे चाले है,
खाटू को बाबाओ श्याम
कोई कुछ भी करले माहपे आंच न आवे,
म्हारे सिर पर इकि मोरछड़ी लहरावे,
सोनू कवि महारे विपदा हारे सारी,
यो तीन वान धारी खाटू को बाबो श्याम ,