होली खेल रही खाटू नगरिया

रंग बिरंगी होली देखो बरसे अबर गुलाल
एसो सजा संवारा मेरा लागे बडो कमाल
होली खेल रही खाटू नगरिया अंग रंग बरस रहा

श्याम नाम की धूम मची है सांवरिया मुस्काये
कोई अपने गीत सुनाये कमर कोई लचकाए
बस लगे नही किसी की नजरियाँ अंग रंग बरस रहा

श्रधा सुमन अर्पित करने को आये श्याम दीवाने
खेलत होली इक हो गए अब तक थे अनजाने
मैं तो नाचू बजा के पायलिया अंग रंग बरस रहा
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