क्यों अज्माऊ श्याम मैं पल पल प्रभु तुझे,
मेरा ये विस्वाश है देखे है तू मुझे
क्यों अज्माऊ श्याम मैं पल पल प्रभु तुझे,
कैसी कमी नही सही सब कुछ तू जानता,
किस से केहता हाल मेरा जो मेरी मानता
जिनता भी करू शुकरीयाँ लगता है कम मुझे
मेरा ये विस्वाश है देखे है तू मुझे
क्यों अज्माऊ श्याम मैं पल पल प्रभु तुझे,
दुनिया ने मेरी राह में कांटे विछा दिए,
बेहते अनसु देख के सब ने मजे लिए
इन दर्दीली राहो में बस इक तू ही सूजे
मेरा ये विस्वाश है देखे है तू मुझे
क्यों अज्माऊ श्याम मैं पल पल प्रभु तुझे,
हालत मेरे बाबा छिपे नही तुम से,
सब कुछ बिखर गया मेरा हारा मैं मन से,
हर दर बता के आखिरी गुडू कहे तुझे
मेरा ये विस्वाश है देखे है तू मुझे
क्यों अज्माऊ श्याम मैं पल पल प्रभु तुझे,