पर्वत पर रेहने वाली शेरो की करे सवारी
भक्तो के कष्ट मिटाए मैया जे भोली भाली
मैया तो दोडी आती है भक्तो के बुलाने पर
पेहले है जितने ब्रामण इनके चरणों के आगे
पूरी करदी मैया ने इनकी मुरादे
वो झोली भर भर देती माँ खुशिया का वर देती
मैया तो दोडी आती है भक्तो के बुलाने पर
क्यों गबराता है जब मैया नाव चलाए
हर विपदा में आके तुझको पार लगाए
वो आशा न तोड़े गी संकट में न छोड़े गी
मैया तो दोडी आती है भक्तो के बुलाने पर