किन्हीं आज्ञा पाल किन्हीं देह लाल

किन्हीं आज्ञा पाल किन्हीं देह लाल किन्हीं तेज चल उड़ चले।
जय बजरंग बली हनुमान। कहलाते हैं सेवक राम।।

मित्र सुग्रीव की विपदा मिटाई, सियाराम से भेंट कराई।
काज किये सब भले।।

दानव दल को मार गिराए, माँ सीता की सुधि ले आये।
लंका धू धू जले।।

लक्ष्मण जी को शक्ति लगी थी, बूटी लाये न देरी की थी।
भैया लखन उठ चले।।

ऐसा योद्धा है जग नहीं, सीयाराम बसते मन माहीं।
सारी विपदा टले।।

है 'अनुरोध' पवनसुत मेरे, जपूँ नाम मैं सांझ सवेरे।।
अवगुण मेरे जले।।

लिरिक्स(रचना)-रामश्रीवादी अनुरोध
                                         

download bhajan lyrics (547 downloads)