अइंया आंख ना दिखाओ थाने पाप लागे,
थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे॥
मिन्नत जमानो दोहरो पायो,
जाग में बस अभिमान कमायो,
झूठे रोब ने दिखवान में के धाक लागे,
थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे॥
श्याम की माया श्याम ही जाने,
रंक ने राजा पल में बनावे,
तारे म्हारे में के अलग अलग के छाप लागे,
थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे॥
बस इतनी सी बात जानलो,
“शुभम रूपम” थे गाठ बंधलो ल्यो,
सागे सागे सगला चलन बड़ी शान लागे,
थारो म्हारो सबको सेठ सांवरो सबको बाप लागे.......