शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा अपनी रेहमत का करदे तू मुझपे कर्म
नजरे भूले से मेरी उठे जिस तरफ करलू दीदार तेरा हो इतना रेहम
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा.......
तू बुला न बुला माँ मैं आता रहू
सिलसिला उम्र भर ये निभाता रहू
दूर चोकठ से तेरी न जाऊ कही
प्यास आँखों की अपनी बुजाता रहू
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा
मेरे अपनों ने मुझको न कुछ भी दिया
छीन ली हर ख़ुशी मुझको ठुकरा दिया
आरजू है यही बस मेरे दिल की माँ
तेरे चरणों में निकले माँ मेरा ये दम,
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा
कर मेहर दास पर माँ तू इनती दया
अपने चरणों की सेवा में मुझको लगा
तू है करुना मई तू है ममता मई
नाम का तेरे गुण गान गाते है हम
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा