भक्तों की हरलो सारी पीड़,
जगदम्बा मईया,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
दुखिया रहे न कोई दुखिया,
सुखिया हो जाये संसार,
ओ सिंघा वाली,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
निर्धन रहे न निर्धन कोई,
हो जाये सब धनवान,
ओ सिंघा वाली,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
मूरख रहे न मूरख कोई,
हो जाये सब गुणवान,
ओ सिंघा वाली,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
लंगड़ा रहे न लंगड़ा कोई,
द्वारे तुम्हारे चल के आये,
ओ सिंघा वाली,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
जो गाते है गुन तेरे अम्बे,
उनको दे दो भक्ति दान,
ओ सिंघा वाली,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
राजेन्द्र गाते गुण तेरा अम्बे,
करदो हमारा बेड़ा पार,
ओ सिंघा वाली,
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
ओ सिंघा वाली....
गीतकार/गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी