ऊँचे ऊँचे पहाड़ो वाली मेरी मैया शेरोवाली,
आजा करके सिंह रुत आई नवरातो वाली ही,
गूंज रही जय कारी सजी है माँ की द्वारी,
भक्त दिल से तुझे पुकारे,
आजा करके सिंह रुत आई नवरातो वाली....
पहली हो माता शैलपुतरी पर्वत हिमालय की बेटी है,
ब्रह्मचारणी दूजी हो माता शांतिरुपनि बैठी है,
चन्द्रघण्टा के नेत्रों वाली तेरे दर्शन को आये सवाली,
आस दर्शन की है मन में भारी,
आजा करके सिंह रुत आई नवरातो वाली....
भरमांड की निर्माता है खुश्मांड़ा माता,
अग्नि की जो देवी है रूप स्कन्द माता,
अपने भक्तो की है हितकारी तुझे पूजे है दुनिया सारी,
आजा करके सिंह रुत आई नवरातो वाली....
कात्यानी माँ दुर्गा रूप में भक्तो को वर देती है,
काल रात्रि रूप भयंकर पार्वती माँ गोरी है,
सिद्धिदात्री माँ ज्ञान की देवी,
तेरे दर्शन को आये सवाली पल में भर्ती झोली खाली,
आजा करके सिंह रुत आई नवरातो वाली….