हो बाबा सिंदूरी रंग मत न लगावे
तेरे नजर लाग जा गी,
रे सिंदूरी रंग मत न लगावे
नमक मिर्च करते करते माँ अंजनी हार जायेगी
बाबा सिंदूरी रंग मत न लगावे
लाखो भगत तेरे धाम पे आवा दिन और राता में
कोई टोक मार जा गा तेरे बाता बाता में
अंजनी माँ भी हो जा दुखी ऐसे हलाता में
काला काला काजल लाना पड़ जा अखेया में
तेरी भोली सुरत बाबा भगता ने भागी
नमक मिर्च करते करते माँ अंजनी हार जायेगी
बाबा सिंदूरी रंग मत न लगावे
तने साची कहू तो तेरी करा बाट न्यारी
मेरा जन्म जन्म तक साथ दिए बाबा संकट हारी
तने सब के चमन खिला राखे राजी दुनिया सारी
करिश्मा बेटी बाला जी तने गा के बतला रही
तने उतम प्लवर पे बाबा दया घनी आ गई
नमक मिर्च करते करते माँ अंजनी हार जायेगी
बाबा सिंदूरी रंग मत न लगावे