लाल सिंघा पे खेल रही मैया मेरी,
कंगना मुंदरी बुहटा पहने,
हाथ खप्पर ले खेल रही मैया मेरी,
लाल सिंघा.........
लट बिखराये मचल रही मैया ,
जीभ लालइ निकाल रही मैया मेरी,
लाल सिंघा.......
खप्पर खड्ग लये हैं मैया,
नयना लालइ निकाल रही मैया मेरी,
लाल सिंघा......
गीतकार/गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी