मायें नी मेरी वार क्यों लाइयाँ ने देरियाँ,
आजा करनियाँ ने होर मैं गल्लां बथेरियाँ,
मुँह फेर बैठे संगी साथी जिहना ते मान सी,
जिहना दे उतो वार दित्ती अपनी मैं जान सी,
करदे ने साडे बाद ओह, अज्ज हेरा फेरियां,
आजा करनियाँ......
इन्ना दित्ता द्वार तों आसां क्यों रोलियाँ
किन्नेयां नू मायें देनीये भर भर के झोलियां,
मेरे पल्ले काहनूं पाइयाँ ने,ज़ालिम हनेरियाँ,
आजा करनियाँ........
मुँह मोड़ बैठी काहदे तों तक्क के कंगाल नू,
इक वार वी न पुछेया माँ सद्द के तू लाल नू,
डिग्गेया द्वारे तेरे ते,होइयाँ ने देरियाँ,
आजा करनियाँ........