जय जय जय जय हे त्रिशक्ति सरस्वती ब्रह्मा नादुर धरती
जय जय जय जय हे त्रिशक्ति।
पुष्प कमल पर आप बिराजे हाथों में वीणा को साजे
स्वर की साधना करने वाला पा जाए मां विमल मति
जय जय जय जय हे त्रिशक्ति...
ओंकार ब्रह्म नाद कहलाए अंतर में चित शक्ति जगाए
नित्य ब्रह्म नाद करने वाला आ जाए वह परम गति
जय जय जय जय हे त्रिशक्ति....
हेमोकेअर तेरा मुकुट सा चमके सागर तेरे चरण पखारे
मन हरती सारे जग का भारत मां तेरी शुभ आकृति
जय जय जय जय जय हे त्रिशक्ति......