आओ रे भगतो ओ मंगल गाये शरधा से माँ की ज्योत जलाये ,
झूमे गे आज सारी माँ के जगराते में,
जय कारा बोलो मेरे साथ माँ के जगराते में,
हो जय जय माँ,
कर सच्चे मन से सेवा सेवा से मिले गा मेवा,
पापो से मुकत करे माँ ऐसी दया वां है देवा,
ये तो जन्मो के दुःख हर देगी खुशियों से झोली भर देगी,
बदले गे तेरे हालत माँ के जगराते में,
जय कारा बोलो मेरे साथ माँ के जगराते में,
कभी धरा गंगन से बोले कभी पर्वत पर्वत ढोले,
कभी तेज पवन का झोका कभी जपके पलक न खोले,
कभी सूरज चाँद सितारों में फूलो में भाग बहारो में,
सुने शक्ति की करामात माँ के जगराते में,
जय कारा बोलो मेरे साथ माँ के जगराते में,
करो चरण वंदना आके सेवक बन जाओ माँ के,
जीवन को सफल बना लो मेरी देवा के गुण गा के,
दीपक ये कर्म विधाता है भक्ति मुक्ति की दाता है,
मांग लो लम्बे करके हाथ माँ के जगराते में,
जय कारा बोलो मेरे साथ माँ के जगराते में,