मंगल करनी चिंता हरनी

हो माये नि बूहे खोल दर तेरे लाल आये है
तेरी चरण में करने हम अरदास आये है

मंगल करनी चिंता हरनी माँ तू है सुखदाई
तेरे जो दर्शन न हो माँ आँख है भर आई
नमो नमो दुर्गे सख करनी नमो नमो आंबे दुःख हरनी

कितने पापी अत्याचारी भोग रहे है माँ खुशियाँ,
निर्धन का न पेट भरे तो कैसे चलेगी ये दुनिया
अब तू ही राह दिखा मैया भूखे को अन खिला मैया
मंगल करनी चिंता हरनी माँ तू है सुख दाई
तेरे जो दर्शन न हो माँ आँख है भर आई
नमो नमो दुर्गे सख करनी नमो नमो आंबे दुःख हरनी

तूने सब को दिया है सब क्यों भूल गई मुझको मैया
कर फेलाये खड़े है हम क्यों खेल तू खेले है मैया
अब चमत्कार दिख ला दे माँ नैनो की प्यास बुजा दे माँ
मंगल करनी चिंता हरनी माँ तू है सुख दाई
तेरे जो दर्शन न हो माँ आँख है भर आई
नमो नमो दुर्गे सख करनी नमो नमो आंबे दुःख हरनी
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