( ॐ जयंती मंगला काली,
भद्रकाली कपालिनी l
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री,
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ll
सर्वमङ्गल माङ्गल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी, नारायणी नमोऽस्तु ते ॥ )
जय काली, जय काली, जय काली, xll -ll
माँ ने, धरा रूप विकराल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे ll
धरती, करती लालो लाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे ll
माँ ने, धरा रूप विकराल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
जय काली, जय काली, जय काली xll
अण्डा खप्पर, क़र में धारे* l
रन चण्डी, मारे किलकारे* l
हो डाली, रुण्डन की गल माल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
धरती, करती लालो लाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
माँ ने, धरा रूप विकराल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
जय काली, जय काली, जय काली xll
काली अपनी, भुजा फैलाए* l
भर भर ख़प्पर, पी पी जाए* l
हो चलती, मस्त पवन की चाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
धरती, करती लालो लाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
माँ ने, धरा रूप विकराल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
जय काली, जय काली, जय काली xll
माँ को शान्त न, कोई कर पाए* l
देवी देव, सभी घबराए* l
हो आए, शिव शंकर महाँकाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
धरती, करती लालो लाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
माँ ने, धरा रूप विकराल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
जय काली, जय काली, जय काली xll
धरा पे, लेट गए भंडारी* l
शिव शँकर ने, बात विचारी* l
हो जिहभा, निकली बड़ी विशाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
धरती, करती लालो लाल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
माँ ने, धरा रूप विकराल,
दानव, पकड़ पकड़ के मारे l
जय काली, जय काली, जय काली xll
जगा के दीपक, मंगल गाया* l
पल में शांत, हुई महा माया* l
हो वाजे, घंटे और घड़ियाल,
माँ ने, अज़ब ख़ेल दिखलाया,,,,
जय काली, जय काली, जय काली xll-lll
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल