काशी में शिव

काशी में शिव काशी में शिव
पर्वतों में शिव गंगा बेहती जटाओ से,
आधी योगी शिव नील कंठ
शिव रुदर धारा में निवास रे
श्मभु भोले नाथ मेरे
चारो और तेरी छाओ रे
कर्म से धर्म तक तेरा मुझ पे परकाश रे

लोक से त्रिलोक तक है तेरा ही साया
कण कं में है तुही रे शिव मुझ में तू समाया
मन का करता पालनहारता
त्रिनेत्र में है तेरी शंका
आकाश से पृथ्वी का करता धरता
मन मंदिर तुझसे ही भरता
काशी में शिव काशी में शिव

श्रेणी
download bhajan lyrics (610 downloads)