कैसा समय है ये दुःख दाई बिछड़ रहे आपस में भाई,
खोज रही भाई को बेहना तरस रही बेटे को माई
सहारा बन के आ जाओ अब तो महामाई
ढूंड रही है देखो अखियाँ अपनों में अपनों को
कैसे करेगे पूरा अब देखे हुए उन सपनो को
कर न सके अपनों की विधाई जाने ये कैसी विपदा है आई
सहारा बन के आ जाओ अब तो महामाई
चारो तरफ है अन्धियारा और मायूसी है छाई
अब तो बचा लो दुनिया को तुझसे ही है आस लगाई
करनी होगी माँ अब सुनवाई
देर न कर अब हो जा सहाई
सहारा बन के आ जाओ अब तो महामाई