मुझे भगती शक्ति मुक्ति का मैया वर दे
तेरा नाम जपु मैं नर्मदे हर नर्मदे
मुझे भगती शक्ति मुक्ति का मैया वर दे
मेरे काम बना ती आई है तू सर्वदा
इक डूबकी दे मेरे अंतर मन को शीतलता
मेरे जीवन का इक अटूट सा अंग है माँ
माँ जैसी नर्म गोद है तेरी नर्मदा
तेरे तट पे घर मेरा हो कुछ ऐसा करदे
तेरा नाम जपु मैं नर्मदे हर नर्मदे
तू पाप नाशनी शिव नाशी अविनाशी है
तेरा इक इक कंकड़ हम भगतो का काशी है
तू मगर सवारी होती तेरी ही परिकर्मा
ते किस प्रकार के देव तेरे तट वासी है
इक बूंद से निर्मल का मेरे भी करदे
तेरा नाम जपु मैं नर्मदे हर नर्मदे
पल पल कल कल छल छल धुन में रेहती है
हर नदी पूर्व में तू पशिम को बेहती है
हे चिर कुमारी तार दे तू बस दर्शन से
भगतो के पाप संताप तू मैया सहती है
सब रहे सुखी माँ सब को जीवन सुंदर दे
तेरा नाम जपु मैं नर्मदे हर नर्मदे