हे भवानी तू चाहे ना बिगड़ी बना हम तो दर तेरा आते रहेगे,
माँ मंदिर की देहलीज पर बैठ कर प्यार से भेटे गाते रहे गे,
तू भी रखना यकीन हमने कहना नहीं आसमा से न और ना ज़मीन से,
करदे वाधा अटल है इशाराअटल खैर लेनी तो लेनी यही से,
माँ तू हमे देख कर चाहे मुँह फेर ले हम तो फिर भी भूलते रहे गे,
हे भवानी तू चाहे ना बिगड़ी बना हम तो दर तेरा आते रहेगे,
हम खरे या बुरे तेरे कदमो तले लेके आये है इस ज़िंदगी को,
चाहे रखलो हमे चाहे कुचलो हमें शयाद मर ही जाये ख़ुशी से,
माँ इस निगाहो में माँ तेरी सूरत वसी मियां तुझको रिजाते रहे गे,
हे भवानी तू चाहे ना बिगड़ी बना हम तो दर तेरा आते रहेगे,
घायल बचे है माँ फिर भी पके है माँ,
कर दियां खुद को तेरे हवाले कर दियां खुद को तेरे हवाले,
कैसा दुनिया का दर अब है कैसा फ़िक्र पास रखले या दिल में छुपा ले,
कहता निर्दोष माँ तेरा तुझसे माँ तेरा दीदार पाते रहे गे,
हे भवानी तू चाहे ना बिगड़ी बना हम तो दर तेरा आते रहेगे,