मेरे घर की हालत देख कभी

जागु मैं तेरे जगरातो में वर्त रखु माँ नवरातो में
फिर भी वो लकीर नही मिट ती जो खीच दी तूने हाथो में
मेरे घर की हालत देख कभी तु आके माँ वरसातो में

हर साल ये विपदा आती है हर बार ये घर डेह जाता है
तस्वीर तेरी रेह जाती है बाकी सब कुछ बेह जाता है
हम तुझे छुपा लेते है माँ इन टूटे फूटे छातो में
मेरे घर की हालत देख कभी तु आके माँ वरसातो में

सिर पे है घटाओ की चादर धरती की सेहज बिछा ते है
जय माता दी कह कर अक्सर बच्चे भूखे सो जाते है
तेरी ज्योत जगानी ना छोड़ी माँ ऐसे भी हालातो में
मेरे घर की हालत देख कभी तु आके माँ वरसातो में

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