सोण महीना चडियां पिपली पीघां पाईयां ने

सोण महीना चडियां पिपली पीघां पाईयां ने
पीघां झुटण मईया दे नाल कंजका आईया ने-॥
देखन अजब नजारा आ के चन सुरज ते तारे
मईया पींघ झुटदी -॥ कंजका देन हुलारे -॥
विषणु अते बरुमा शिव भोले भडारी जी
देखन आये मईया जी दी लीला नियारी जी-॥
जै माता दी बोलदे ने ओ -॥ हथ जोड के सारे
मईया पींघ झुटदी़..........

धरती नचदी अबंर झुमे नच पाताल रिहा
देख देख खुश हुदें एह जो हो कमाल रिहा-॥
खुशीयां दे बिच देखो सारे-॥ लाऊण मा दे जैकारे
मईया पींघ झुटदी़..........

सिर ते मुकट सोने दा बाही चुडा़ पाया ए
मईया जी ने बहुता सोहणा रुप बनाया ए-॥
हथा वाली मैहदीं दुरो-॥ पई मारे लिशकारे
मईया पींघ झुटदी़़..........
सबदे दिला दी जानण वाली शेरावाली मां
कंजका दे नाल पींघ झुटदी मेहरावाली मां-॥
बिटटु ते सुखराज लिखारी-॥ एहो सच ऊचारे
मईया पींघ झुटदी़...........


लेखक-सुखराज नाफरीया
गायक-विपन शरमा बिटटु
मोबाईल-098154 02742





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