प्रभु जो तुम्हे हम बताकर के रोये

प्रभु जो तुम्हे हम बताकर के रोये
उसे दिल में कब से दबा कर के रोये
प्रभु जो तुम्हे हम................

किसी ने ना समझी मेरी बेक़रारी
मिला ना कोई अपना दुनिया में सारी
इसी बेबसी को छुपा कर के रोये
प्रभु जो तुम्हे हम .................

समझ कर मुक़द्दर हमारा यही है
जो तुमने लिखा है वो होता सही है
ख़ुशी में है सबको जताकर के रोये
प्रभु जो तुम्हे हम .................

मोहब्बत है क्या चीज़ वफ़ा किसको कहते
नहीं खोज पाओगे दुनिया में रहते
हम ही ऐसे बंधन निभा कर के रोये

ये दिल की जो बातें तुम्हे कह रहे हैं
हैं छाले जो नैनो की राह बह रहे हैं
पंकज तुम्हे जो दिखा कर के रोये
प्रभु जो तुम्हे हम .................
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