लाल ध्वजा लेहराये रे बाला जी की नगरिया
सब संकट मिट जाए बाला जी की नगरियाँ
जिस घर पे ये ध्वजा लहराई वाहा खुशिया ही खुशिया आये
अंधियारा मिट जाए रे बाला जी की नगरिया
लाल ध्वजा लेहराये रे बाला जी की नगरिया
बजरंग बली की ध्वजा निराली भाग जाग गए जिसने लगा ली
खूब किरपा बरसाये रे बाला जी की नगरिया
लाल ध्वजा लेहराये रे बाला जी की नगरिया
अष्ट सीधी नव निधि के दाता भगतो पे किरपा ये लुटाता
भव से पार हो जाए रे बाला जी की नगरिया
लाल ध्वजा लेहराये रे बाला जी की नगरिया