हम सब है कट पुतली तेरे हाथो में है डोर,
नचाले कान्हा जैसे नाचे है मन में मोर,
तेरे हाथो में है डोर सांवरे,
तुझपे भरोसा मुझे तेरा ही सहारा,
डूभी हुई नैया का तू ही किनारा,
थाम ले मेरी बइयाँ दुःख के बदल है गणगौर,
नचाले कान्हा जैसे नाचे है मन में मोर,
जग में जो नचा बाबा नाचता रहुगा,
दुःख के खपेड़े बोलो कब तक सहूगा,
और साहा न जाए अब पकडू किसका छोर,
नचाले कान्हा जैसे नाचे है मन में मोर,
तेरे हाथो में है डोर सांवरे,
रूभी रिधम ने तेरे तेर लगाई हर पल बाबा तेरी महिमा है गई,
मुझको भी शरण में रखलो मेरा तुझबीण न कोई और,
नचाले कान्हा जैसे नाचे है मन में मोर,
तेरे हाथो में है डोर सांवरे,