मेरे साईं मुझे शिर्डी में कब बुलाओ गे,
कैसे केह दू के साईं मुझ पर तरस खाओ गे
मेरे साईं मुझे शिर्डी में कब बुलाओ गे,
मेरे जख्मो को साईं क्यों न सेहलाते हो,
ना ही हालत पे मेरे तुम तरस खाते हो
बन के रेहमत के बादल अब तो बरस जाओ गे
मेरे साईं मुझे शिर्डी में कब बुलाओ गे,
आई हु दर पे साईं अपनी पनाह देदो बेसहारा हु बाबा दिल में जगा देदो
केह दो साईं पुकारू जब जब चले आओ गे
मेरे साईं मुझे शिर्डी में कब बुलाओ गे,
दीन दुखी के बाबा साईं तुम कहाते हो
अपने भगतो के सारे कष्ट मिटाते हो
कहे नागर रिया को कब तक तरसाओ गे
मेरे साईं मुझे शिर्डी में कब बुलाओ गे,