मेरा मुझमे कुछ रहा अब सब है तेरा नाथ,
सौंप दी मैंने जीवन डोरी साई तेरे हाथ,
जैसे भी नचालो नाथ जीवन डोरी तेरे हाथ,
ढूंढ रहा था अपना पण अपने रिश्ते नातो में,
लेकिन मुझको बहकाया सब ने अपनी बातो में,
उस दुनिया दारी को बाबा समजा हु मैं आज,
सौंप दी मैंने जीवन डोरी साई तेरे हाथ,
जैसे भी नचालो नाथ जीवन डोरी तेरे हाथ,
साई चरण में जब से मेरे मन की लग्न लगी है,
हर प्राणी के मन में सूरत साई जी की दिखी है,
मेरे मन का मैला दर्पण अब हो गया है साफ़,
सौंप दी मैंने जीवन डोरी साई तेरे हाथ,
जैसे भी नचालो नाथ जीवन डोरी तेरे हाथ,
मेरे जीवन की हर उल्जन साई जी हल करते,
हर पल मेरे साई बाबा मेरे संग में चलते,
शर्मा और मोक्ष के मन की पूरी हुई हर बात,
सौंप दी मैंने जीवन डोरी साई तेरे हाथ,
जैसे भी नचालो नाथ जीवन डोरी तेरे हाथ,