मोरे साई मिले सभी के दिल में

मोरे साई मिले सभी के दिल में,
सभी मिले साई में ,
साई मिले कौन से रूप में कोई जाने न,

जितना भी वक़्त मिले तू साई का ध्यान कर,
श्रद्धा सबुरी से तू साई गुण गान कर,
साई की भगति करले दुःख मिले ना ,
मोरे साई मिले सभी के दिल में,
सभी मिले साई में .....

कड़वे वचन न बोलो साई ने फ़रमाया,
मीठे बचने से साई सब के मन को भाया,
ओ बंधू रे मीठे वचनो से साई सब के मन को भाया,
साई के दीवानो को कोई भाये न,
मोरे साई मिले सभी के दिल में,
सभी मिले साई में ,

कब क्या होना है बंदे साई के हाथ है,
जिसने भुलाया उसको ये उसके साथ है,
ओ बन्धु रे  ये उसके साथ है,
जैसे है मेरे साई कोई और न,
मोरे साई मिले सभी के दिल में,
सभी मिले साई में ,

मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे गिरजा घर एक है,
मजहब चाहे जितने हो मालिक तो एक है,
चन्दर रागी ला देखो कही जाए न
मोरे साई मिले सभी के दिल में,
सभी मिले साई में ,
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