नमो नमो विष्णु हरी जी जग के पालनहार है,
सुंदर रूप मनोहर सूरत भगतन के प्रतिपाल है
माथे मूकटा स्वर्ण का है रूप चतुर भुज आप का
शंख चकर पदम् के धारी गल वैजयन्ती माल है
नमो नमो विष्णु हरी जी...
तुमने धुरव प्रहलाद उभारे पापी तुम सब मार दिए,
जब जब धरा संकट में आई आप धरे अवतार है,
नमो नमो विष्णु हरी जी......
मस्त पुरनम बना नर सीमा वानर परशुराम भी
राम चंदर और श्री कृष्ण भी आप के अवतार है
नमो नमो विष्णु हरी जी