हम दुनिया लुटाये बैठे है,
क्या जाने कोई दर्द है दिल,
खामोश है लोक लेकिन दिल में तूफ़ान छिपाए बेठे है,
उनको क्या मेरी वफाओ से वे तो लगदे है बेगाने,
लेकिन हम उनकी उल्फत में कसमे खाए बेठे है,
ये इश्क बाफना चीज है क्या जो हुसन से हारे बेठे है,
कुछ भी हो उनके सजदे में,हम सेर को जुकाए बेठे है,
क्या जाने जाना ज़माने से दर कर वो दिन में मिलने न आये हो,
मिलने को इसलिए रातो की हम नींदे उडाये बेठे है,
एक तमना आ जाओ मन मोहन प्यारे आ जाओ,
बर्दास्त नही अब तन्हाई हम रही बन ने को हम तो,
हम बाहे फहलाये बेठे है,