सवाली सूरत मोहनी तेरी अदाये है,
तिरछी निगाहें दिल पे तीर चलाये है,
क्यों मुझको जलाये मेरा चैन चुराए कोई जाये जरा ढूंढ के लाये,
कन्हैया मेरा दिल ले गया,
हमने तुमसे ऐसा रिश्ता जोड़ा है ,
अपना सब कुछ तेरी खातिर छोड़ा है,
मेरे सपनो में आये मेरी नींद उड़ाए
कोई जाये जरा ढूंढ के लाये,
कन्हैया मेरा दिल ले गया....
दर दर भटका फिर भी कुछ न पाया है,
हार के अनु तेरी शरण में आया है,
क्यों नखरे दिखाये पल पल तरसाये,
कोई जाये जरा ढूंढ के लाये,
कन्हैया मेरा दिल ले गया,