आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो,
मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो.....
सतसंग मे मेरी बात चलायी,
सतगुरु ने मेरी किनी सगाई,
उनको बुला के हथलेवा तो करा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो....
ऐसी ओडु चुनरी जो रंग नाही छूटे,
ऐसा वरु दूल्हा जो कबहू ना छूटे,
अटल सुहाग वाली बिंदिया लगा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो.....
ऐसी पह्नु चूड़ी जो कभ हु न टूटे,
प्रेम प्रीती धागा कभ हु न छूटे,
आज मेरी मोतियों से मांग तो भरा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो......
भक्ति का सुरमा मैं आख मे लगाउंगी,
दुनिया से नाता तोड़ मैं उनकी हो जाउंगी,
सतगुरु को बुला के फेरे तो पडवा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो.....
बाँध के गुन्ग्रू मै उनको रीझाऊं,
ले के इक तारा मै श्याम श्याम गाऊँ,
सतगुरु को बुला के बिदा तो करा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो……